Friday 26 April 2013

खवाबों में चले आना...

ख्वाबों में चले आना 
यूँ मुझसे लिपट जाना 
पलकों के दरीचे से 
यूँ दिल में उतर आना,

महसूस करती रहूँ ताउम्र तुझको 
यूँ मेरे बिस्तर की 
सलवटों में सिमट जाना,

चुपचाप चले आना 
मुझमें सिमट जाना 
पलकों के दरीचे से 
यूँ दिल में उतर आना !

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