Tuesday 24 February 2015

लगता है तू आने को है...

उम्मीद की लौ जल रही अभी 
दिल भी मुस्कुराने को है 
लगता है तू आने को हैं 

खुशनुमा हैं वादियां ये नज़ारे सभी 
दिल कोई तरन्नुम गुनगुनाने को है 
लगता है तू आने को है 

बेवजह ही सही तुझसे झगड़ना भी है 
हाल-ए-दिल तुझे बयां करना भी है 

आँखों आँखों में दीदार तेरा करना भी है 
आँखें तेरी फिर कोई सितम ढाने को है 
लगता है तू आने को है 

मुदद्तें हुई तेरा दीदार किये हुए 
सदियाँ हैं बीती तेरा इंतज़ार किये हुए 
सब्र मेरा अब रंग लाने को है 
लगता है तू आने को है !

कुछ इशारे बचाये रखना...


आँखों के कुछ इशारे बचाये रखना 
कुछ मोती पलकों में छुपाये रखना 

मोहब्बत है जिंदगी हमने माना मगर 
कुछ लम्हे खुद के लिए सजाये रखना 

टूट कर चाहना किसी को दिल की फितरत ही सही 
पर खुद को संभाले रखो इतनी दूरी बनाये रखना 

ये चाहने वाले बड़े खुदगर्ज़ हैं ज़माने में 
खुद को न भूल जाना इतनी याददाश्त बनाये रखना !