Sunday 5 August 2012

मेरी तन्हा तन्हा सी रातों को...

मेरी तन्हा तन्हा सी रातों को जब
तेरी मखमली सदा का सहारा मिला
लम्हा लम्हा डूबा मेरा ख़्वाबों में 
मुझे जीने का इक बहाना मिला

यूँ तो ये जिन्दगी
तेरे तसव्वुर के बिना भी गुजर सकती थी
यूँ तो ये सियह रातें
इन जगमगाते तारों के साथ भी
कट सकती थीं

पर तुम जो मिले तो लगा
इक ख्वाब बरसों पुराना मिला
मेरी तन्हा तन्हा सी रातों को
मेरा अपना इक सितारा मिला !

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