Saturday 4 August 2012

सहमा सहमा दिल मेरा



सहमा सहमा  ये दिल मेरा ...

सहमा सहमा ये दिल मेरा  
तन्हाई में यूँ  घबराता है  
टूटे हुए टुकड़ों को बस 
समेटता रह जाता है, 
ता उम्र भटकता रहा 
जाने कैसी थी जुस्तजू  
ठोकर खाए जो लौटा 
हाथ खाली देखता रह जाता है,
नश्तर चुभे हैं जो
गमजदा माझी के तुफ़ैल 
दाग उनके देख
अपने हाल से डर जाता है 
सहमा सहमा ये दिल मेरा 
तन्हाई से अब घबराता है !

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