अपनी यादों में झाँका तो पाया मैंने
सब कुछ है बिखरा पड़ा यहीं कहीं
वो सारे मंजर,वो बातें
वो सपने टूटे से मगर
चंद निशां उनके भी मिल जाते हैं,
ये यादें
हाँ ये यादें भी कितनी अजीब होती हैं
जिन्दा रखती हैं हमको अपने जहां में,
एक ऐसा जहां
जहाँ हर एहसास धुंधला धुंधला सा
मगर अपना सा महसूस होता है !
vry beautiful and touching....
ReplyDeleteThank u :-)
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