Wednesday 4 December 2013

तेरी आँखें...

तेरी आँखें जो देखती हैं मुझको यूँ 
जमीं पर जन्नत का गुमां होता है 
उमड़ता है जो तूफां सा दिल में 
जरा गौर से देख 
मेरी आँखों से बयां होता है !

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