खामोश लम्हों को चीरती हुई
अभी अभी गुजरी है
एहसास की कटीली लहर
जिन्दगी बदल रही है
मंज़र भी हैरां हैरां से हुए हैं
और ये आँखों के करीब से
गुज़रता हुआ अजनबी सा ख्वाब
यकीं दिलाता रहता है हर पल
नहीं हूँ मैं अजनबी
मगर फिर भी
इन पथराई सी आँखों को
यकीं आता नहीं
दिल मेरा मुस्कुराता नहीं
खामोश है न जाने कब से
जुंबिश भी कोई होती नहीं
है बस इतनी सी खबर
जिन्दगी बदल रही है
मंज़र भी हैरां हैरां से हुए हैं!
अभी अभी गुजरी है
एहसास की कटीली लहर
जिन्दगी बदल रही है
मंज़र भी हैरां हैरां से हुए हैं
और ये आँखों के करीब से
गुज़रता हुआ अजनबी सा ख्वाब
यकीं दिलाता रहता है हर पल
नहीं हूँ मैं अजनबी
मगर फिर भी
इन पथराई सी आँखों को
यकीं आता नहीं
दिल मेरा मुस्कुराता नहीं
खामोश है न जाने कब से
जुंबिश भी कोई होती नहीं
है बस इतनी सी खबर
जिन्दगी बदल रही है
मंज़र भी हैरां हैरां से हुए हैं!
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