Thursday 2 May 2013

तुम हाँ तुम...

तुम 
हाँ तुम ही तो हो 
जो मुस्कुराते हो मेरी आँखों में 
झिलमिलाते हो मेरी 
पलकों में,

तुम 
हाँ तुम ही तो हो 
जो कह जाते हो अनकही सी 
बातें कई 
यूँ  ही बातों बातों में,

तुम 
हाँ तुम ही तो हो 
जो छू जाते हो मुझे 
सबा की सूरत,

तुम 
हाँ तुम ही तो हो 
जो मिल जाते हो मुझे 
ख़्वाबों ख्यालों की राहों में 
कई गुमनाम सवालों में,

तुम 
हाँ तुम ही तो हो 
जो हो हर घड़ी शामिल 
मेरे जहन ओ दिल 
की तकरारों में,

तुम 
हाँ बस तुम ही हो 
मेरी धड़कनों की रफ्तारों में 
मेरी रूह की तासीर 
मेरे सुकून 
मेरे एहसासों में !



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